उत्तराखंड में भाजपा को चुनावी प्रबंधन में भी टक्कर दे रही कांग्रेस, पढ़िए क्या है खबर
उत्तराखंड में भाजपा को चुनावी प्रबंधन में भी टक्कर दे रही कांग्रेस, पढ़िए क्या है खबर
देहरादून। यह किसी से छिपा नहीं है कि उत्तराखंड में सांगठनिक तौर पर भाजपा बेहद मजबूत स्थिति में हैं। इस आलोक में देखें तो भाजपा का जिला, विधानसभा क्षेत्र व बूथ स्तर पर आकलन एवं प्रबंधन का सशक्त ढांचा है और इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अब कांग्रेस ने भी इससे सबक लेते हुए जिला और विधानसभा क्षेत्र स्तर पर मानीटरिंग पर ध्यान केंद्रित किया है। कांग्रेस के नेता सूबाई दिग्गजों को साथ लेने की बजाए दिल्ली से आकर सीधे विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर आमजन के मन की टोह लेने में जुटे हैं। जिला स्तरीय चुनाव प्रबंधन पर इस बार विशेष जोर देखा जा रहा है।
पिछले चुनावों की तस्वीर देखें तो प्रत्याशी चयन से लेकर विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस के केंद्रीय नेता व पर्यवेक्षक बड़े स्तर पर बैठकों या सम्मेलनों के माध्यम से ही विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों की स्थिति और माहौल के आकलन व प्रबंधन पर जोर देते रहे। इसके लिए पार्टी के प्रांतीय व केंद्रीय नेता जिला इकाइयों के अध्यक्ष, महामंत्री समेत अन्य नेताओं से बातचीत कर इतिश्री कर लेते थे, लेकिन इस मर्तबा स्थिति बदली-बदली सी है। जिला स्तरीय आकलन व प्रबंधन के विषय पर कांग्रेस अब भाजपा को कहीं न कहीं टक्कर देती नजर आ रही है।
यह पहली बार दिख रहा है, जब कांग्रेस के नेता विधानसभा क्षेत्रवार तमाम विषयों को छान रहे हैं। इसके लिए वे छोटे-छोटे टुकड़ों में भी मानीटरिंग कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता दिल्ली से पहुंचकर विधानसभा क्षेत्रों में जाकर टिकट के दावेदारों के साथ ही पार्टी के प्रति माहौल को टटोल रहे हैं, ताकि जमीनी वस्तुस्थिति से पार्टी हाईकमान को अवगत कराया जा सके। यह क्रम निरंतर बना हुआ है।
कांग्रेस की इस पहल के राजनीतिक गलियारों में कई निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। कोई इसे भाजपा को चुनाव प्रबंधन में चुनौती देने के तौर पर देख रहा है तो कोई कांग्रेस की खेेमेबाजी के दृष्टिकोण से। विधानसभा क्षेत्र स्तर पर आकलन व प्रबंधन की कांग्रेस की यह पहल क्या और कितना रंग जमा पाती है, इसे लेकर आने वाले दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी। इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।